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भारत में सबसे बढ़िया क्रेडिट कार्ड किस बैंक का है ? क्रेडिट कार्ड के विशेषताएँ और लाभ क्या है।
भारतीय बाजार में क्रेडिट कार्ड की मांग तेजी से बढ़ रही है और इसलिए बैंकों ने ग्राहकों के लिए बहुत तरह के क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए हैं। बाज़ार में इतने अधिक विकल्प होने के कारण अपनी आवश्यकता के हिसाब से सही क्रेडिट कार्ड को चुनना मुश्किल है। इस लेख में हम आपको अलग-अलग क्रेडिट कार्ड की तुलना कर उसके बारे में बताएंगें ताकि आप सही कार्ड चुन सकें।

इसके अलावा इस लेख में क्रेडिट कार्ड की तुलना, क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता, क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें, क्रेडिट कार्ड के लाभ, क्रेडिट कार्ड के फायदें, क्रेडिट कार्ड का उपयोग, क्रेडिट कार्ड ब्याज़ दरें सहित क्रेडिट कार्ड संबंधित आदि महत्वपूर्ण चीज़ों पर बात की जाएगी।

क्रेडिट कार्ड बैंकों और वित्तीय संस्थानों (बैंक और एनबीएफसी) द्वारा जारी किए जाते हैं। क्रेडिट कार्डधारक इन संस्थाओं से क्रेडिट (पैसे) उधार लेकर खरीदारी या विभिन्न सेवाओं के लिए भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड, कैशबेक, ब्याजमुक्त अवधि पर लोन जैसे आदि लाभ देता है।

बाजार में अलग-अलग विशेषताओं और लाभों के साथ बहुत से क्रेडिट कार्ड मौजूद हैं। सबसे लोकप्रिय हैं, ट्रैवल क्रेडिट कार्ड, शॉपिंग क्रेडिट कार्ड, एंटरटेनमेंट क्रेडिट कार्ड, फ्यूल क्रेडिट कार्ड, को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, कैशबैक क्रेडिट कार्ड, लाइफटाइम फ्री क्रेडिट कार्ड, प्रीमियम क्रेडिट कार्ड और बिज़नस क्रेडिट कार्ड।

भारत के मुख्य क्रेडिट कार्डों की तुलना करें


क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन

बाजार में क्रेडिट कार्ड की मांग बढ़ने के कारण, बैंक और वित्तीय संस्थाओं ने ग्राहकों के लिए क्रेडिट कार्ड आवेदन काफी आसान बना दिया है। आप क्रेडिट कार्ड के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरह से आवेदन कर सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड- ऑनलाइन आवेदन

इन दिनों, अगर आप योग्य हैं तो क्रेडिट कार्ड पाना बहुत आसान है। आपको अपने बैंक जाने की भी ज़रूरत नहीं है; क्रेडिट कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आप अपने बैंक की वेबसाइट पर जा सकते हैं और कुछ बुनियादी जानकारी जानकारी जैसे नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, आपकी आय, पता आदि भरकर क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं । आपके पास बैंक आधिकारी की ओर से एक कॉल आएगा जो आपकी इस पूरी प्रकिर्या में मदद करेगा। बैंक अधिकारी आपके पास दस्तावेज लेने भी आएगा।

क्रेडिट कार्ड- ऑफलाइन आवेदन

जो लोग क्रेडिट कार्ड आवेदन के लिए ऑनलाइन तरीके के साथ सहज नहीं हैं, वो इसके लिए अपने बैंक की शाखा में जा सकते हैं। बैंक जाएं और अपने ज़रूरत के हिसाब से मौजूद क्रेडिट कार्ड विकल्पों पर बात करें। बैंक अधिकारी आपको उन क्रेडिट कार्ड के बारे में बताएगा जो आपकी ज़रुरतों को पूरा करते हैं। फिर, आपको क्रेडिट कार्ड आवेदन फॉर्म भरना होगा और कुछ केवाईसी दस्तावेज़ जैसे पहचान प्रमाण, पता प्रमाण इत्यादि देने होंगे। आपको आय का प्रमाण और दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें भी देनी होंगी।


क्रेडिट कार्ड लोन का ही एक रूप है। बैंक और वित्तीय संसथान जो क्रेडिट कार्ड को जारी करते हैं, वो आमतौर पर अपने ग्राहकों की क्रेडिट लाइन को बढ़ा रहे हैं यानि पैसा खर्च कर रहे हैं, जिसमें एक व्यक्ति का अधिकार नहीं हो सकता। इसके बदले में, ग्राहक या कार्डधारक को जारीकर्ता को क्रेडिट कार्ड के लिए वार्षिक शुल्क और ब्याज के साथ मासिक किस्तों में लोन राशि का भुगतान करना होता है।

क्रेडिट कार्ड लोन सामान्य रूप से असुरक्षित हैं क्योंकि किसी को भी क्रेडिट के लिए किसी तरह की संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है। क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक और वित्तीय संस्था, पहले व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता जांचते हैं और फिर उसे विशेष सीमाओं और सुविधाओं के साथ क्रेडिट कार्ड जारी करने का निर्णय लेते हैं।


आम तौर पर, एक क्रेडिट कार्ड निम्नलिखित सुविधाओं के साथ आता है-

नकद का विकल्प- बहुत सी नकदी रखने के बजाए एक क्रेडिट कार्ड रखना बहुत ही सुरक्षित और सुविधाजनक विकल्प है। ये आपकी खरीदारी को परेशानी मुक्त बना सकता है और पैसे की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

एमरजेंसी: चाहे कोई मेडिकल एमरजेंसी हो या किसी अन्य तरह की तत्काल पैसे की ज़रूरत हो, क्रेडिट कार्ड ऐसी परिस्थितियों में तत्काल क्रेडिट उपलब्ध कराकर सहायता प्रदान कर सकते हैं।

बड़ी खरीदारी करना: ‘खरीदारी अब भुगतान बाद में’ के कॉन्सेप्ट ने लोगों के लिए बड़ी खरीदारी करना और उसके भुगतान को ईएमआई के रूप में बैंक को चुकाना आसान बना दिया है।

अपना क्रेडिट स्कोर बनाएं: क्रेडिट कार्ड होने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड लेनदेन से अपनी क्रेडिट हिस्ट्री बना सकते हैं। साथ ही, समय पर अपने क्रेडिट लोन का भुगतान करने से आपके में सुधार होता है जिस से भविष्य में लोन लेना आसान होता है। कई बार लोन आवेदन इसलिए अस्वीकार कर दिए जाते हैं क्योंकि आवेदक के पास क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती है। क्रेडिट कार्ड रखना अपने क्रेडिट हिस्ट्री को बनाने का सबसे आसान तरीका है।

सुरक्षित लेनदेन: नए क्रेडिट कार्ड में चिप और पिन सिस्टम की सुविधा होती है, जो इसमें सुरक्षा को बढ़ाती है, इसलिए ये नकदी लेकर घूमने से सुरक्षित तो है ही साथ ही आपको क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से भी बचाता है। ऑनलाइन लेनदेन के मामले में, दो स्तरीय प्रमाणीकरण प्रणाली का पालन किया जाता है, ऑनलाइन लेनदेन को पूरा करने के लिए कार्ड नंबर, एक्सपायरी तिथि और सीवीवी जैसी कार्ड की जानकारी के अलावा ओटिपी या गुप्त पासवर्ड देना भी आवश्यक है जो आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।

अपनी खरीदारी को ट्रैक करें: नकदी का इस्तेमाल करते समय, अपनी खरीद का ट्रैक रिकॉर्ड रखना मुश्किल हो जाता है। वहीं, क्रेडिट कार्ड के साथ, मासिक क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट की मदद से आपके द्वारा किये गए लेनदेन का ट्रैक रिकॉर्ड रख सकते हैं।

क्रेडिट कार्ड के आगे के हिस्से की जानकारी

क्रेडिट कार्ड के सामने के भाग में निम्नलिखित जानकारी होती है।

क्रेडिट कार्ड नंबर- यह 16 अंकों का नंबर होता है जो बैंक और आपके क्रेडिट कार्ड खाते की पहचान कराता है। एमेक्स क्रेडिट कार्ड में, कार्ड नंबर केवल 15 डिजिट का होता है। ऑनलाइन खरीदारी करते समय आपको यह नंबर देना होगा। हर क्रेडिट कार्ड का अलग क्रेडिट कार्ड नंबर होता है इसलिए आपको अपने कार्ड का नंबर किसी को नहीं देना चाहिए।
एक्सपायर तिथि- यह आपके क्रेडिट कार्ड के निचले भाग पर लिखी होती है। यह वह तारीख है जो बताती है कि आपका कार्ड कबतक एक्टिव रहेगा।
बैंक लोगो- इस अनुभाग में आपके बैंक की ब्रांडिंग शामिल है। यह आपके कार्ड के शीर्ष दाएं या ऊपरी बाएं कोने पर हो सकता है।
कार्ड का नाम- बैंक कई प्रकार के क्रेडिट कार्ड लॉन्च करते हैं और उसी का उल्लेख कार्ड पर ही किया जाता है । उदाहरण के लिए, एचडीएफसी मनीबैक क्रेडिट कार्ड के मामले में, ‘एचडीएफसी बैंक’ ऋणदाता (लोन देने वाला) ब्रांडिंग है और ‘मनीबैक कार्ड’ कार्ड के प्रकार का नाम है।
कार्डधारक का नाम- प्राइमरी कार्डधारक का नाम कार्ड के सामने की तरफ लिखा गया है।
चिप – मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड अब पुराने हो गए हैं और नए कार्ड में आगे की तरफ एक स्मार्ट चिप लगी है। यह कार्ड क्लोनिंग जैसी धोखाधड़ी गतिविधियों को रोकने में मदद करता है।
नेटवर्क लोगो- आपका क्रेडिट कार्ड चार भुगतान नेटवर्क- वीजा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस या डिस्कवर में से किसी एक का होगा। उसी का लोगो आपके क्रेडिट कार्ड के सामने की तरफ होगा।
कॉन्टैक्टलेस साइन- अगर आपके पास कॉन्टैक्टलेस क्रेडिट कार्ड है, तो कार्ड पर उसका साईन बना मिलेगा। आप इसे बिना स्वाइप किए NFC- इनेबल्ड POS मशीन के ऊपर दिखाकर भुगतान कर सकते हैं।
क्रेडिट कार्ड के पिछले हिस्से की जानकारी

मैग्नेटिक स्ट्राइप- इस स्ट्राइप में आपके कार्ड की जानकारी होती है और पीओएस टर्मिनल मशीन पर भुगतान इसके द्वारा होता है। जब आप अपना कार्ड स्वाइप करते हैं, तो ट्रांजेक्शन को अधिकृत करने के लिए भुगतान नेटवर्क के माध्यम से बैंक को जानकारी भेजी जाती है।
CVV- आपको अपने क्रेडिट कार्ड के बैक-साइड पर सुरक्षा कोड CVV भी मिलेगा। आपको ऑनलाइन भुगतान करते समय क्रेडिट कार्ड नंबर, ओटिपी के साथ ये भी डालना होता है।
सिग्नेचर पैनल- मैग्नेटिक स्ट्राइप के नीचे एक छोटा पैनल दिया गया है जहाँ आपको हस्ताक्षर करने होते हैं। उपयोग करने से पहले आपको अपने क्रेडिट कार्ड पर हस्ताक्षर करना चाहिए।
होलोग्राम- आपको अपने क्रेडिट कार्ड के पीछे की तरफ एक शीशे जैसा होलोग्राम भी मिलेगा। इसमें आमतौर पर एक छवि छपी होती है। इससे व्यापारियों को वैध क्रेडिट कार्ड की पहचान करने में मदद मिलती है।
बैंक संपर्क जानकारी- आपके कार्ड के पीछे के हिस्से में बैंक की कुछ संपर्क जानकारी भी होती है। इसमें एक पता भी शामिल होता है, अगर किसी को खोया कार्ड मिले तो वो इस पते पर उस कार्ड को दे सकता है।
नियम और शर्तें- यदि आपके कार्ड में उपयोग से संबंधित कोई महत्वपूर्ण नियम और शर्तें हैं, तो पीछे इसकी जानकारी दी जाती है। उदाहरण के लिए- “नेपाल और भूटान में विदेशी मुद्रा में भुगतान के लिए मान्य नहीं”।

क्रेडिट कार्डधारक निम्नलिखित लाभों का आनंद ले सकते हैं-

वेलकम ऑफर: अधिकांश बैंक कार्ड धारक को विभिन्न प्रकार के स्वागत लाभ प्रदान करते हैं। ये लाभ गिफ्ट वाउचर, छूट या बोनस रिवॉर्ड पॉइंट के रूप में मिल सकते हैं और निर्धारित समय अवधि के अंदर बैंक क्रेडिट कार्ड को सक्रिय करके लाभ उठाया जा सकता है।

रिवॉर्ड पॉइंट और कैशबेक: हर बार जब आप अपने क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते हैं, तो आप अपने खाते में कुछ रिवॉर्ड पॉइंट या कैशबेक प्राप्त करते हैं। रिवॉर्ड पॉइंट का इस्तेमाल मुफ्त उपहार पाने और किसी अन्य वस्तु के दाम घटाने के लिए किया जा सकता है जबकि कैशबेक सीधे आपके कार्ड अकाउंट पर लागू होते हैं। यदि आपके पास ट्रैवल क्रेडिट कार्ड है, तो आप रिवॉर्ड पॉइंट्स के बजाय एयर मील कमा सकते हैं जिसका इस्तेमाल हवाई यात्रा टिकट बुकिंग के लिए किया जा सकता है।

फ्यूल सरचार्ज छूट: आजकल लगभग सभी क्रेडिट कार्डों पर इस छूट का लाभ उठाया जा सकता है। विशेष रूप से फ्यूल के लिए दिए जाने वाले क्रेडिट कार्ड पर और अधिक छूट मिल जाती है। जब भी आप अपने वाहन में फ्यूल भरवाते हैं, तो आपको छूट मिलती है बशर्ते आप एक निश्चित राशि खर्च करें।

एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस: कुछ क्रेडिट कार्ड घरेलू हवाई अड्डों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर साल में एक या एक ज़्यादा बार लाउंज में ठहरना का ऑफर देते हैं। ट्रेवल-सेंट्रिक क्रेडिट कार्ड और प्रीमियम क्रेडिट कार्ड विशेष रूप से इन लाभों का ऑफर देते हैं।

बीमा: क्रेडिट कार्ड बीमा और दुर्घटना के मामले में एक निश्चित कवर राशि भी देते हैं। ये हवाई दुर्घटना कवरेज, कार्ड खोने पर मिलने वाला कवर या विदेशी अस्पताल में भर्ती होने पर मिलने वाला कवर भी हो सकता है।

कैश एडवांस- आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर सीधे एटीएम से नकद राशि निकाल सकते हैं। एमरजेंसी में जब आपको तुरंत नकद राशि की जरुरत होती है तब ये काफी फायदेमंद साबित होता है।



*क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता की नीतियों के अनुसार समय-समय पर बदलने के अधीन।



ट्रैवल क्रेडिट कार्ड– आजकल कई बैंक ट्रेवल-सेंट्रिक क्रेडिट कार्ड का ऑफर दे रहे हैं। ये क्रेडिट कार्ड एयरपोर्ट लाउंज का उपयोग, एयर माइल अर्निंग, हवाई दुर्घटना बीमा, कम विदेशी मुद्रा चिह्न शुल्क इत्यादि जैसे यात्रा संबंधी विशेषताओं पर अतिरिक्त ध्यान देने के साथ सभी सामान्य लाभों का ऑफर देते हैं। रिवॉर्ड जीतने और साझेदार उड़ान कंपनियों या होटलों पर छूट प्राप्त करने के लिए इन कार्डों के द्वारा अपनी यात्राओं पर खर्च करना समझदारी है।

खरीदारी क्रेडिट कार्ड: ये कार्ड लाइफस्टाइल लाभों जैसे कपड़े, जूते आदि वस्तुओं पर मिलने वाली छूट पर आधारित हैं। शॉपिंग क्रेडिट कार्ड लगातार खरीदारी करने वालों के लिए एक अच्छा विकल्प है। विशेष तौर पर उनके लिए जो अपने मासिक खर्चों का भुगतान क्रेडिट कार्ड से करना चाहते हैं।

फ्यूल क्रेडिट कार्ड: जैसा कि नाम से पता चलता है, फ्यूल क्रेडिट कार्ड फ्यूल सरचार्ज वैवर और बोनस रिवॉर्ड पॉइंट के रूप में तब अतिरिक्त लाभ ऑफर करते हैं जब आप अपने वाहन में फ्यूल भरवाते हैं। कुछ बैंक विशिष्ट पेट्रोल पम्प कंपनियों के साथ साझेदारी रखते हैं तो उनपर आपको तभी छूट मिलती है जब आप उन विशिष्ट पेट्रोल पम्पों से फ्यूल भरवाते हैं जबकि कुछ बैंक ये छूट सभी पेट्रोल पम्प कंपनियों पर देते हैं। सरचार्ज छूट आपके पास किस तरह का कार्ड है उस पर निर्भर है।

ग्रोसरी क्रेडिट कार्ड: यदि आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग ग्रोसरी खरीदने के लिए करते हैं, तो ग्रोसरी क्रेडिट कार्ड लेना बहतर होगा। ये कार्ड चुनिंदा सुपरमार्केट और डिपार्टमेंटल स्टोर पर अतिरिक्त रिवॉर्ड पॉइंट या कैशबैक ऑफर करते हैं जिस से ग्रोसरी खरीदारी पर पैसे बचा सकते हैं।

एंटरटेनमेंट क्रेडिट कार्ड: जो लोग फिल्मों, कॉन्सर्ट और इवेंट्स में जाना पसंद करते हैं उनके लिए एंटरटेनमेंट क्रेडिट कार्ड एक अच्छा विकल्प है। जब आप मूवी टिकट बुकिंग के लिए भुगतान करते हैं तो ये कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट और कैशबैक देते हैं। हैं। इनमें से कुछ कार्ड ‘बुक माय शो’ आदि जैसे प्लेटफॉर्म के साथ को-ब्रांडेड हैं।

को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड: कुछ क्रेडिट कार्ड एयरलाइन, होटल, स्टोर या अन्य ब्रांडों के साथ को-ब्रांडेड होते हैं। जब आप उनके पार्टनर ब्रांडों पर क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते हैं, तो आपको को अतिरिक्त रिवॉर्ड पॉइंट और कैशबैक ऑफर होता है। को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड का एक उदाहरण है, ‘एयर-इंडिया एसबीआई सिग्निचर क्रेडिट कार्ड’।

रिवॉर्ड क्रेडिट कार्ड- क्रेडिट कार्ड जो सामान्य से अतिरिक्त रिवॉर्ड ऑफर करते हैं उन्हें रिवार्ड्स क्रेडिट कार्ड के रूप में जाना जाता है। जब आप किसी विशेष खर्च स्तर तक पहुंचते हैं तो ऐसे कार्ड बहुत अच्छे लाभ देते हुए बोनस रिवॉर्ड पॉइंट भी ऑफर कर सकते हैं।

कैशबैक क्रेडिट कार्ड- कुछ प्रमुख बैंक कैशबैक क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं जो कुछ प्रकार के कार्डों पर तत्काल कैशबैक देते हैं। सिटी बैंक कैशबैक क्रेडिट कार्ड और एचडीएफसी मनीबैक क्रेडिट कार्ड ऐसे दो सबसे लोकप्रिय कैशबैक क्रेडिट कार्ड हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड: ये कार्ड कुछ प्रमुख बैंकों द्वारा दिए जा रहे क्रेडिट कार्डों में जोड़ा गया एक नया विकल्प है। भारत में किसान क्रेडिट कार्ड भारत के ग्रामीण किसानों को प्रदान किए जाते हैं ताकि वे पसंदीदा ब्याज दरों पर क्रेडिट ले सकें।

स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड: भारत में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का बाज़ार अभी भी अपने शुरूआती दौर में है लेकिन बैंकिंग भविष्य में विकास की संभावनाओं के साथ है। कुछ क्रेडिट कार्ड जारिकर्ताओं ने इन कार्डों को देना शुरू कर दिया है। ये कार्ड सिर्फ उन्ही छात्रों को दिए जाते हैं जो कम से कम 18 वर्ष की उम्र या उस से ज़्यादा के हैं और शिक्षा संस्थानों में फुल टाइम कोर्स के लिए दाखिला ले चुके हैं।

बैलेंस ट्रांसफर क्रेडिट कार्ड: इस प्रकार का कार्ड आमतौर पर किसी एक कार्ड की बकाया राशि का भुगतान दूसरे कार्ड से करने के लिए खरीदा जाता है। इस श्रेणी में कई कार्ड ब्याज मुक्त समय अवधि की सुविधा भी देते हैं।

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड: ये क्रेडिट कार्ड आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले में दिया जाता है। अगर आप भविष्य में क्रेडिट कार्ड के बिल भुगतान में कोई डिफ़ॉल्ट करते हैं तो बैंक आपकी एफडी बंद कर सकता है। आमतौर पर बैंक सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड के क्रेडिट लिमिट एफडी के 85% की बराबर रखते हैं। सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड आम क्रेडिट कार्ड की तरह काम करता है और साथ ही एफडी पर आपको ब्याज़ भी मिलता रहता है।


क्रेडिट कार्ड के लिए कई तरह की फीस और शुल्क लिए जाते हैं। सदस्यता फीस और वार्षिक शुल्क वो दो मुख्य शुल्क हैं जिसे आपको क्रेडिट कार्ड के लिए देना होगा। ये हैं की सदस्यता फीस और वार्षिक शुल्क-


* क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता की नीतियों के अनुसार समय-समय पर बदलने के अधीन।

इन दो शुल्क के अलावा, कुछ अन्य शुल्क भी हैं जिनके बारे में क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को जानना चाहिए। इनमें हैं एक्सटेंडेड क्रेडिट चार्जेज़, कैश एडवांस फीस, ओवरलिमिट चार्जेज़, लेट पेमेंट फेस आदि।

डुप्लीकेट स्टेटमेंट फीस: एक निश्चित शुल्क जो तब लगाया जाता है जब ग्राहक डुप्लीकेट स्टेटमेंट की हार्ड कॉपी मांगता है।
लेट पेमेंट चार्ज: यह राशि एक जुर्माना है जिसका भुगतान लागू ब्याज दर के ऊपर किया जाना है। यदि कार्ड धारक समय पर भुगतान नहीं करता है तो ये शुल्क देना पड़ता है।
कैश विथड्रौल चार्जेज़: अगर ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड के पैसे को नकदी के रूप में एटीएम से निकालता है तो उसे ये शुल्क देना पड़ता है।
जीएसटी: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) उन सभी खर्चों पर लगाया जाएगा जिनका भुगतान क्रेडिट कार्ड से किया जाएगा। जीएसटी ब्याज, फीस और अन्य शुल्कों सहित कितने मूल्य का लेनदेन किया जा रहा है उस पर निर्भर करता है।
ईसीएस और चेक रिटर्न चार्ज: यह एक निश्चित राशि है जिसे ईसीएस विफलता या चेक बाउंस होने के मामले में कार्ड धारक को देना होगा।
फॉरेन करेंसी ट्रांसेक्शन: ये शुल्क किसी भी विदेशी लेनदेन पर उसके मूल्य के मुताबिक लगाया जाता है।
ओवर-लिमिट फीस: यह शुल्क तब लगाया जाता है जब कार्डधारक अपनी क्रेडिट लिमिट से ज़्यादा का भुगतान क्रेडिट कार्ड से कर दें।

बाजार में उपलब्ध कई क्रेडिट विभिन्न प्रकार के लाभ ऑफर करते हैं, आपके लिए सही क्रेडिट कार्ड कौनसा है ये इस पर निर्भर है कि आप खरीदारी कैसे करते हैं। और आप अपने क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान कैसे करना चाहते हैं। इसलिए, क्रेडिट कार्ड की तुलना करने से पहले आपको कुछ विशेषताओं को ध्यान में रखना चाहिए और फिर तय करना चाहिए आपके लिए कौनसा सबसे बहतर है।

कैशबैक: कैश बैक कई क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला एक लाभ है। इस योजना के तहत, खरीदारी करने पर आपके खाते में कुछ पैसा कैशबेक के रूप में वापस दिया जाता है। यह जांचना कि कौन से कार्डों में कैश बैक विकल्प है, लंबे समय के लिए फायदेमंद है।

ब्याज दरें: विभिन्न क्रेडिट कार्ड की लागू ब्याज दरों की जांच करना ज़रूरी है। भले ही कोई देरी से भुगतान ना करना चाहता हो लेकिन ऐसा होना असामान्य नहीं है। इसलिए, अगर कार्ड की ब्याज दर कम होगी तो भुगतान में देरी होने पर आपको नुकसान कम होगा।

छूट: कई क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को उनके संगठन या पार्टनर संगठन से वस्तुओं की खरीदारी या सेवाएँ लेने पर पर छूट देते हैं।

रिवॉर्ड योजनाएं: रिवॉर्ड योजनाएं क्रेडिट कार्ड का जानामाना लाभ है। विभिन्न कार्ड ग्राहकों को विशेष विक्रेताओं से खरीदारी करने पर अलग-अलग पॉइंट और लाभ का ऑफर देते हैं। तो उन रिवॉर्ड योजनाओं वाले क्रेडिट कार्ड को चुनें जो आपकी ज़रूरतों को पूरा करते हैं और आपके खर्च पैटर्न से मेल खाते हैं।

कार्ड फीस और शुल्क: यह महत्वपूर्ण है कि आप कार्डों पर सभी लागू शुल्कों की जांच करें ना कि केवल ब्याज दर की। जैसे कि वार्षिक शुल्क, रिवॉर्ड पॉइंट फीस, क्रेडिट सीमा से ज़्यादा खर्च पर शुल्क, अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन शुल्क , कैश एडवांस फीस इत्यादि।

भुगतान: ये भी ध्यान में रखना ज़रूरी है कि कार्ड जारी करने वाली संस्था ‘मिनिमम रीपेमेंट वैल्यू’ पर कितना शुल्क लगा रही है, साथ ही ये भी जांच लें कि ब्याज मुक्त अवधि (अगर कोई है) कितनी लम्बी है।

क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता-

क्रेडिट कार्ड के लिए अलग-अलग ग्राहकों के हिसाब से विभिन्न योग्यताएं हैं। हालांकि, बुनियादी योग्यताएं निम्नानुसार हैं:

आपको कम से कम 18 वर्ष का होना चाहिए।
चाहे आपह वेतनभोगी या स्व-नियोजित हो, आपके पास अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करने के लिए आय का नियमित स्रोत होना चाहिए (न्यूनतम आय सीमा विभिन्न कार्डों के लिए अलग अलग है)।
आपकी बैड क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होनी चाहिए।
क्रेडिट कार्ड आवेदन के लिए ज़रूरी दस्तावेज–

आवश्यक दस्तावेज विभिन्न क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता के हिसाब से अलग-अलग होते हैं, आवेदन करने के लिए आवश्यक कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज निम्नानुसार हैं:

पहचान पत्र और हस्ताक्षर प्रमाण- पासपोर्ट, , ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, , कर्मचारी पहचान पत्र और सरकारी कर्मचारियों के मामले में कर्मचारी पहचान पत्र।

निवास प्रमाण- बैंक स्टेटमेंट, रेंट एग्रीमेंट, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, टेलीफोन / बिजली / पानी / क्रेडिट कार्ड बिल या प्रॉपर्टी टैक्स।

उम्र प्रमाण- मतदाता पहचान पत्र, माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (कक्षा 10), जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, आधार कार्ड, पेंशन पेमेंट ऑर्डर या एलआईसी पॉलिसी का प्राप्ति प्रमाण।

वेतन पाने वाले व्यक्ति के लिए आय प्रमाण : नवीनतम 3 महीने की सेलरी स्लिप, छह महीने के लिए सेल्रीड बैंक अकाउंट का विवरण।

स्व-नियोजित व्यवसायियों / पेशेवरों के लिए आय का प्रमाण: आय की गणना के साथ नवीनतम आईटी रिटर्न और व्यापार लगातार चलने प्रमाण के साथ अन्य प्रमाणित वित्तीय दस्तावेज।


एक क्रेडिट कार्ड कंपनी बहुत से विक्रेताओं के साथ एग्रीमेंट करती है ताकि वो उसका क्रेडिट कार्ड स्वीकार करें। क्रेडिट कार्ड कम्पनियाँ/संस्थाएं अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड जारी करती हैं। जब कोई बैंक क्रेडिट कार्ड जारी करता है तो ग्राहक के लिए क्रेडिट की एक सीमा भी बनाई जाती है। ग्राहक इस सीमा के अंदर ही क्रेडिट कार्ड द्वारा खरीदारी करता है या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर क्रेडिट की राशी एटीएम से नकद निकाल सकता है। क्रेडिट कंपनी द्वारा दिए गए क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करने के लिए ग्राहक को महीने के महीने बिल प्राप्त होगा जिसका भुगतान उसे किसी भी शुल्क के बिना तय तिथि से पहले कर सकता है।

जब क्रेडिट कार्ड से खरीदारी की जाती है, तो कार्डधारक कार्ड जारीकर्ता को बाद की तारीख में खर्च की गई राशी का भुगतान करने के लिए सहमत होता है। खरीदारी करते समय, कार्ड धारक को कार्ड मशीन पर कार्ड की चुंबकीय पट्टी को स्वाइप करना पड़ता है। फिर, उत्पन्न हुई रसीद की व्यापारी वाली प्रति को सत्यापन के लिए कार्ड कार्डधारक के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। नए कार्ड में अधिक सुरक्षा के लिए चिप और पिन सिस्टम है, जब कार्ड को व्यापारी की मशीन पर स्वाइप किया जाता है तो लेनदेन को पूरा करने के लिए चार या छह अंकों के पिन की आवश्यकता होती है जिसे कार्डधारक के रजिस्टर मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।

ऊपर बताई गई जानकारी के अनुसार, क्रेडिट कार्ड का शारीरिक उपयोग करने के अलावा, तेज़ी से बढ़ रहे ऑनलाइन शॉपिंग उद्योग को क्रेडिट कार्ड से काफी फायदा हो रहा है। क्रेडिट कार्ड द्वारा ऑनलाइन लेनदेन के लिए जो जानकारी चाहिए वो है, कार्ड नंबर, एक्सपायर तिथि, कार्ड के पीछे लिखा सी.वी.वी नंबर और लेनदेन के लिए एक विशेष पासवर्ड या ओटिपी जिसे कार्डधारक के रजिस्टर मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है।


ऐसे कई कारक हैं जो क्रेडिट कार्ड ब्याज़ दरें या क्रेडिट कार्ड द्वारा खर्च की गई किसी भी राशी पर लागू ब्याज को प्रभावित कर सकते हैं। ग्राहकों के लिए उपलब्ध लोन विकल्पों में से क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें सबसे ज़्यादा हैं।

ग्राहक को उपलब्ध विभिन्न लोन उपकरणों में क्रेडिट कार्ड ब्याज दरें सबसे ज्यादा हैं। ज्यादातर मामलों में, क्रेडिट कार्ड ब्याज दरें 18% से शुरू होती हैं और कई अन्य कारकों के आधार पर 45% तक जा सकती हैं जैसे कार्ड, कार्ड कंपनी की नीतियों और कई अन्य कारक।

कुछ लोकप्रिय क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें नीचे दी गई हैं-



क्रेडिट कार्ड के बारे में

जब आप क्रेडिट कार्ड द्वारा खरीदारी करते हैं तो आप मूल रूप से एक छोटी अवधि का लोन ले रहे होते हैं। इस लोन पर कितना ब्याज लगेगा वो इसपर निर्भर करता है कि आप इसे वापस कब करेंगे। यदि आप तय तिथि से पहले भुगतान करने में सक्षम हैं तो कोई ब्याज नहीं लगेगा। खरीदारी के बाद बिलिंग साइकिल में भुगतान तिथि से पहले क्रेडिट कार्ड की एक छोटी छूट अवधि भी होती है, जो लगभग 30-45 दिन हो सकती है। अगर आप उस अवधि के अंदर भुगतान कर देते हैं तो किसी भी तरह का ब्याज नहीं लगेगा। वहीं, कुल राशी में से कुछ कम भुगतान करने पर आपकी दैनिक राशी पर ब्याज बढ़ता है।

क्रेडिट कार्ड क्यों खरीदें?

क्रेडिट कार्ड के कई लाभों के साथ, सबसे महत्वपूर्ण लाभ ये है कि यह आपको क्रेडिट स्कोर बनाने में मदद कर सकता है। अच्छा क्रेडिट स्कोर होने से आप भविष्य में आसानी से लोन ले सकते हैं या लोन की ब्याज दरों में कटौती करा सकते हैं। यह कम बीमा प्रीमियम प्राप्त करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, ऐसे कई क्रेडिट कार्ड हैं जो ग्राहकों को रिवॉर्ड योजनाओं के तौर पर कई अतिरिक्त लाभ देते हैं जैसे रिवॉर्ड पॉइंट, खरीदारी पर लाभ आदि।

क्रेडिट कार्ड ग्रेस पीरियड

मान लीजिए 5 जनवरी से 4 फरवरी तक की आपकी बिलिंग साइकिल है, और आपके भुगतान की तिथि 1 मार्च है, तो इस अवधि के दौरान जो भी खरीदारी की जाएगी उस पर भुगतान तिथि तक कोई ब्याज नहीं लगेगा। यही वो ग्रेस पीरियड है जो भारत में क्रेडिट कार्ड पर दिया जाता है, इसके बाद भुगतान राशी पर ब्याज लग जाता है। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड की राशी नकदी के रूप में निकालते हैं तो उस पर ग्रेस पीरियड का लाभ नहीं मिलता है।

ब्याज दरें

अगर कार्डधारक देय तिथि से पहले अपने क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करता है तो उस बिल राशी पर एक निश्चित ब्याज लगा दिया जाएगा। उस बिल राशि के साथ-साथ ये ब्याज कार्ड द्वारा किये जा रहे नए खर्च पर भी तबतक लगता रहेगा जबतक बिल का भुगतान नहीं किया जाता। वहीं, क्रेडिट कार्ड राशि नकद रूप में एटीएम से निकालने के मामले में कार्डधारक को तबतक कोई ग्रेस अवधि नहीं मिलेगा जबतक वो इस बिल का भुगतान ना कर दे। कम ब्याज दर वाले क्रेडिट कार्ड बाजार में उपलब्ध हैं और क्रेडिट कार्ड की तुलना करते समय उनके बारे में हमेशा जान लेना चाहिए। जब कार्डधारक समय में क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करता है तो उस पर ब्याज लग जाता है जिस से क्रेडिट कार्ड लोन भी बढ़ जाता है। क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान में देरी होने के कारण उसे डिफॉल्ट के रूप में माना जाता है। देरी से बिल भुगतान के कारण क्रेडिट कार्ड लोन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

क्रेडिट कार्ड नंबरों को समझिए-

आपके क्रेडिट कार्ड के सामने की तरफ 16 नंबर होते हैं जो आपके कार्ड के लिए विशेष हैं। वहीं, अमेरिकन एक्सप्रेस और डिनर क्लब कार्ड में इन नंबरों की संख्या 15 होती है। ये कोई आम नंबर नहीं होते हैं, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस संख्या में प्रत्येक नंबर का एक विशेष मतलब होता है। है। क्रेडिट कार्ड नंबर इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन (आईएसओ) द्वारा आवंटित किए जाते हैं। आइए इन नंबरों को अलग-अलग कर इनका मतलब जाना जाए।

क्रेडिट कार्ड के पहले छह नंबर ‘मेजर इंडस्ट्री आइडेंटिफायर (एमआईआई) और इशुअर आइडेंटिफायर नंबर (आईआईएन) का संयुक्त रूप हैं। वास्तव में, यह पहला नंबर ही होता है जो प्रमुख उद्योग, अर्थात बैंकिंग और वित्तीय उद्योग को परिभाषित करता है। कुछ अन्य लोकप्रिय एमआईआई हैं-

यात्रा और मनोरंजन के लिए ‘3’
बैंकिंग और वित्तीय (वीआईएसए) के लिए ‘4’
बैंकिंग और वित्तीय (मास्टर कार्ड) के लिए ‘5’
मर्चेंडाइजिंग और बैंकिंग के लिए ‘6’
कार्ड का पहला नंबर (एमआईआई) और बाद के पाँच नंबर कार्ड जारीकर्ता की पहचान कराते हैं। इन छह नंबरों को बैंक आइडेंटिफायर नंबर (बीआईएन) के रूप में जाना जाता है।

नंबरों का अगला हिस्सा ‘अकाउंट नंबर’ होता है जो कार्ड उपयोगकर्ता की पहचान कराता है। उपयोगकर्ता के इस अकाउंट नंबर को प्रत्येक कार्ड जारीकर्ता और बैंक ये नंबर अलग-अलग रखता है। आपके क्रेडिट कार्ड नंबर का अगला भाग चेकसम है, जिसे ‘लुहान एल्गोरिदम’ भी कहा जाता है। इस ‘लुहान एल्गोरिदम’ को एक अमेरिकी पेटेंट के रूप में सम्मानित किया गया था जिसे आईबीएम वैज्ञानिक हंस पीटर लुहान ने बनाया है। इसका उपयोग क्रेडिट कार्ड के शुरुआती अंकों की पुष्टि करने के लिए किया जाता है और नए क्रेडिट कार्ड नंबर बनाने की लापरवाही को रोकता है। इस फ़ॉर्मूला को इस तरह प्रयोग किया जाता है-

पहला कदम- दाहिने ओर से शुरुआत करते हुए अपने क्रेडिट कार्ड संख्या के सभी ‘ऑड नंबर’ को दोगुना कर दें। मानलें आपका क्रेडिट कार्ड नंबर है 4321 4456 9212 7754। तो ये ऐसे होगा, 5×2=10, 7×2=14, 1×2=2, 9×2=18, 5×2=10, 4×2=8, 2×2=4, 4×2=8(10, 14, 2, 18, 10, 8, 4, 8)।

दूसरा कदम- अब इन नंबरों को उन नंबरों के साथ जोड़दें जिन्हें दोगुना नहीं किया गया था। लेकिन इस से पहले डबल-डिजिट नंबरों को इस तरह से सिंगल डिजिट बना लें। उदाहरण अगर 14 है तो उसे 1+4= 5 कर के सिंगल डिजिट बना लें। अब आपके पास कुछ इस तरह से नंबर आएँगे (1, 5, 2, 9, 1, 8, 4, 8).(1+5+2+9+1+8+4+8) + (3+1+4+6+2+2+7+4) = 67।

तीसरा कदम- आपको जो नंबर अब प्राप्त हुआ है अगर वो 10 से भाग नहीं होता है तो वो क्रेडिट कार्ड नंबर नकली (फेक) है।

जैसे ऊपर प्राप्त हुआ नंबर 67 है जो 10 से भाग नहीं होता है। मतलब हमने जिस क्रेडिट कार्ड नंबर से इसे निकाला है वो नकली है। इसके अलावा, एक सीवीवी और एक्सपायरी तिथि आपके कार्ड को मिलती है। सीवीवी कार्ड जरिकर्ताओं के लिए सुरक्षा कोड होते हैं।

क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान

जब आपको क्रेडिट कार्ड मिलता है, तो कार्ड के साथ दिए गए दस्तावेज़ पर एक बिलिंग तिथि लिखी होती है| यह वह तारीख है जिस दिनदी गई बिलिंग साइकिल के लिए आपका क्रेडिट कार्ड बिल जनरेट किया जाएगा, जिसका भुगतान आपको तय तिथि पर या उससे पहले भुगतान करना होगा। आपके क्रेडिट कार्ड पर बकाया राशि को न्यूनतम राशि और कुल राशि के रूप में दिखाया जाएगा। इनमें से आपको किसी एक का भुगतान करना होगा| हालांकि, यदि आप कुल बकाया राशि का भुगतान नहीं कर सकते हैं, तो बैंक आपको ‘न्यूनतम देय राशि’ का भुगतान करने का विकल्प देता है। जब आप न्यूनतम राशि का भुगतान करते हैं, तो देर से भुगतान शुल्क नहीं लगाया जाएगा। हालाँकि, जब तक बकाया बिल रहता है बैंक शेष राशि पर ब्याज वसूल करेगा। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हमेशा अपने क्रेडिट कार्ड के कुल बिल राशि का भुगतान करें ताकि आप ब्याज से बच सकें।

क्रेडिट कार्ड पर देर से भुगतान करने से आपका क्रेडिट स्कोर भी कम हो सकता है। आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में ‘पास्ट डेज़ पास्ट ड्यू ’के लिए एक सेक्शन होता है, आप बिल भरने की तय तिथि के जितने दिनों बाद उसका भुगतान करते हैं उन दिनों का रिकॉर्ड इसमें रहता है| इस से क्रेडिट स्कोर कम होता है| आपके क्रेडिट कार्ड से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण शर्तें हैं-

Total Amount Due– ये आपके क्रेडिट कार्ड की कुल बिल राशि है.

Minimum Amount Due– ये वो न्यूनतम क्रेडिट कार्ड बिल है जिसका भुगतान आपको करना होगा| ऐसा ना करने पर आपके ऊपर देर से भुगतान करना का शुल्क लगेगा.

Billing Date– इस तारिख को आपके क्रेडिट कार्ड का बिल बनता है.

Billing Cycle– ये दो महीनों की बिल तिथि के बीच की अवधि होती है.

Due Date– ये बिल जमा करने की तारिख है.

Reward Point Balance– ये आपको अकाउंट में कुल जमा रिवॉर्ड पॉइंट हैं.


जितनी बार भी आप क्रेडिट कार्ड का प्रयोग करते हैं, उतनी बार आपको रिवॉर्ड पॉइंट मिलते हैं। इन रिवॉर्ड पॉइंट का इस्तेमाल गिफ्ट वाउचर, वस्तुओं की खरीदारी और क्रेडिट कार्ड बिल के लिए किया जा सकता है। ये रिवॉर्ड पॉइंट विभिन्न कार्डों और आपके खर्चों के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। उदाहरण के रूप में, कुछ कार्ड ग्रोसरी खरीदने पर ज़्यादा रिवॉर्ड पॉइंट देते हैं तो कुछ हवाई यात्रा और होटल बुकिंग पर।

नीचे दिए हुए टेबल में भारत के प्रमुख 10 क्रेडिट कार्डों के रिवॉर्ड पॉइंट के बारे में बताया गया है-


कुछ क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट की जगह कैशबैक देते हैं। ये कैशबेक सीधे आपके क्रेडिट कार्ड अकाउंट में आ जाते हैं इन्हें रिवॉर्ड पॉइंट की तरह रिडीम कराने की ज़रूरत नहीं पड़ती है। भारत में कुछ सर्वश्रेष्ठ कैशबैक क्रेडिट कार्ड हैं, एचडीएफसी मनीबैक क्रेडिट कार्ड, सिटीबैंक कैशबैक क्रेडिट कार्ड, इंडसइंड पीनाकल क्रेडिट कार्ड और स्टैंडर्ड चार्टर्ड मैनहट्टन प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड।


ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड (सप्लीमेंट्री कार्ड) प्राइमरी-क्रेडिट कार्ड के तहत जारी किये जाते हैं। मतलब एक ही अकाउंट पर एक से अधिक क्रेडिट कार्ड जारी होते हैं। दोनों कार्डों की खरीदारी का भुगतान एक ही अकाउंट से होता है। यह उन छात्रों के लिए उपयोगी है जो अपने माता-पिता से दूर रह रहे हैं और उन लोगों के लिए भी जो अपना कार्ड नहीं रख सकते। एड-ऑन कार्ड सुविधा ज्यादातर प्रीमियम क्रेडिट कार्ड पर दी जाती है।

ज़्यादातर, ऐड-ऑन कार्ड की क्रेडिट लिमिट प्राइमरी क्रेडिट कार्ड के समान ही होती है, लेकिन कुछ विशेष बैंक नियमों के मुताबिक, सप्लीमेंट्री कार्ड की क्रेडिट लिमिट प्राइमरी से कम होती है। अगर आपने एक से ज़्यादा ऐड-ऑन कार्ड जारी कराएं हैं तो प्राइमरी कार्ड की क्रेडिट लिमिट दोनों सप्लीमेंट्री कार्डों में समान बाट दी जाएगी। इन ऐड-ऑन कार्ड से आप क्रेडिट लिमिट जितनी नकदी भी एटीएम से निकाल सकते हैं। ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड से संबंधित नियम और शर्तें विभिन्न बैंकों में अलग-अलग हैं।

ऐड-ऑन कार्ड के सभी लेनदेन का रिकॉर्ड प्राइमरी कार्ड के अकाउंट में रहता है। अगर आप सप्लीमेंट्री कार्ड किसी को देते हैं तो उस कार्ड द्वारा लेनदेन का पूरा रिकॉर्ड रख सकते हैं।

ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड के फायदे

उपयोग: अधिकांश क्रेडिट कार्ड ग्राहक को भारत में और साथ ही विदेश में शॉपिंग जैसे विभिन्न लेनदेन करने की अनुमति देते हैं। ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड द्वारा भी कार्ड धारकों को यही लाभ मिलते हैं। ऐड-ऑन क्रेडिट कार्ड के द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदारी दोनों की जा सकती है।
एटीएम सुविधा: सप्लीमेंट्री कार्ड पर एटीएम से नकदी निकालने की क्रेडिट लिमिट प्राइमरी के समान या कम हो सकती है। लेकिन ऐड-ऑन कार्ड के पास नकदी निकालने का विकल्प भी होता है। इस से पता चलता है कि कार्डधारक एटीएम से किसी भी दिन और समय नकदी निकाल सकते हैं।
रिवॉर्ड पॉइंट: जब भी आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं उतनी बार आपको रिवॉर्ड या बोनस पॉइंट मिलते हैं। कुछ निश्चिन्त रिवॉर्ड पॉइंट जमा करने के बाद आप अपने बैंक से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सभी सप्लीमेंट्री कार्डों में भी यही सुविधा मिलती है। प्राइमरी कार्ड की तरह ही हर बार स्वाइप करने के बाद सप्लीमेंट्री कार्ड धारक को भी रिवॉर्ड पॉइंट मिलते हैं।
निगरानी: क्योंकि, प्राइमरी और सप्लीमेंट्री कार्ड का अकाउंट एक ही होता है इसलिए प्राइमरी कार्ड धारक सप्लीमेंट्री कार्ड के इस्तेमाल और लेनदेन का रिकॉर्ड रख सकता है।
आज़ादी: वित्तीय आज़ादी देने के लिए सप्लीमेंट्री क्रेडिट कार्ड बच्चों या माता-पिता को दिए जा सकते हैं। एमरजेंसी के मामले में भी ये कार्ड बहुत लाभदायक साबित हो सकते हैं।
आराम से ट्रैक करना: प्राइमरी कार्ड और सप्लीमेंट्री कार्ड के लेनदेन एक ही स्टेटमेंट में दर्ज होते हैं। इस तरह प्राइमरी कार्ड धारक लेनदेन की निगरानी रख सकता है।

जब बात आपके पहले क्रेडिट कार्ड की हो तो, ये ज़्यादातर आपके सैलरी अकाउंट से सम्बंधित होता है। इसलिए अक्सर यही होता है, कि बिना तुलना करे और विशेषताओं और लाभों के बारे में जाने क्रेडिट कार्ड ले लिया जाता है। सभी कार्ड एक जैसे नहीं होते, इसलिए ये तय कर पाना मुश्किल है कि क्या आपका मौजूदा क्रेडिट कार्ड आपके लिए सबसे अच्छा है। इसलिए नया क्रेडिट कार्ड लेना या पुराने को अपडेट कराना ही इस समस्या का समाधान होता है, तो यहाँ कुछ बाते हैं जिन्हें नया क्रेडिट कार्ड लेने से पहले जान लेना चाहिए।

क्रेडिट लिमिट

अगर आप अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड अपग्रेड करते हैं तो आपके पास अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का विकल्प होता है। क्रेडिट लिमिट बढ़ाने से आपको अपनी क्रेडिट लिमिट को लेकर किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और आप ज़्यादा खर्च कर पाएंगें।

खर्च के फायदे

ये इसपर निर्भर करता है कि आप किस तरह का कार्ड चुनते हैं। ऐसे बहुत से फायदे हैं जो आपको क्रेडिट कार्ड के ऑफर और रिवॉर्ड से मिल सकते हैं। अगर आपका मौजूदा क्रेडिट कार्ड आपको फ्यूल भराने पर लाभ देता है, तो हो सकता है आपका अगला क्रेडिट कार्ड आपको खरीदारी और डिनर पर भी रिवॉर्ड दे। दूसरे शब्दों में कहें तो, क्या आपने रिसर्च कर के ऐसे क्रेडिट कार्ड को चुना है जो आपको खर्च करने पर वो लाभ देगा जो पिछला कार्ड नहीं दे रहा था।

क्रेडिट स्कोर

ये एक तार्किक बात है कि अगर आप अपने एक या एक से ज़्यादा कार्ड की क्रेडिट लिमिट का 50% से ज़्यादा प्रयोग करते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर पर इसका ख़राब प्रभाव पड़ता है। ऐसा होना आम है, अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड को अपग्रेड कराना या नया कार्ड लेना आपके लिए बहतर होगा। इसके बाद जबतक आप अपने खर्चों को सीमा के अंदर रखने में सक्षम होंगे आपको अपने क्रेडिट स्कोर पर ख़राब प्रभाव पड़ने की चिंता नहीं करनी होगी।

लोन अप्रूवल

क्रेडिट लिमिट बढ़ने के साथ लोगों के खर्चें भी बढ़ जाते हैं। लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और अपने खर्चों को नियंत्रण में रखते हैं तो इस से आपका रिस्क फेक्टर घट जाता है और बैंक आपको एक सुरक्षित ‘कर्जदार’ के रूप में देखते हैं। इसके पीछे कारण यही है कि आप अपने कार्ड का प्रयोग बहुत ज़्यादा ना करें और ज़्यादा से ज़्यादा क्रेडिट लेने के लिए योग्य रहें। इस से आपका क्रेडिट स्कोर अपनेआप बहतर हो जाता है। क्रेडिट स्कोर अच्छा होने से आपको आसानी से लोन अप्रूवल मिल जाता है। इस से आपको लोन पर कम ब्याज दरें भी मिल सकती हैं।

बजट मैनेज करना

एक अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड आपको बहतर तरीके से आपका पैसा मैनेज करने में मदद कर सकता है। आप एक कदम उठाकर ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप अपना मासिक बजट अच्छे से मैनेज कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके नये क्रेडिट कार्ड की बिलिंग साइकिल आपके मौजूदा क्रेडिट कार्ड से अलग हो। अगर आपके मौजूदा कार्ड की बिलिंग साइकिल महीने के अंत में ख़त्म होती है। तो जब आप नये क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें तो उसकी बिलिंग साइकिल अंत के लिए महीने के बीच को चुनें। इस तरह आप अपने खर्चों को मैनेज कर पाएँगे।

वार्षिक शुल्क, जुर्माना और ब्याज दरें

जिन मुख्य कारकों पर आपको विचार करना चाहिए उनमें से एक ये है कि नया क्रेडिट कार्ड लेने पर आपका वार्षिक शुल्क बढ़ जाएगा। अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड अपग्रेड भी कराते हैं तब भी आप को वर्तमान के मुकाबले ज़्यादा वार्षिक शुल्क देना होगा। क्रेडिट लिमिट से ज़्यादा खर्च करने पर लगने वाला जुर्माना भी बढ़ जाएगा। और एटीएम द्वारा नकदी निकालने पर लगने वाला शुल्क भी बढ़ जाएगा। अगर आप समय रहते क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं कर पाते हैं तो आपकी भुगतान राशी पर लगने वाला ब्याज भी बढ़ जाएगा।

नया क्रेडिट कार्ड लेना या मौजूदा कार्ड को अपग्रेड करना एक अच्छा विकल्प है लेकिन ये फैसला लेने से पहले आपको अपनी ज़रुरतों और क्षमताओं के बारे में सोच लेना चाहिए। लगातार कार्ड अपग्रेड कराना या नया क्रेडिट कार्ड खरीदना आपको वित्त्तीय रूप से गैर ज़िम्मेदार बना सकता है और अंत में आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर डाल सकता है।


आय की अयोग्यता

सभी क्रेडिट कार्डों के निम्नतम आय को लेकर अलग-अलग मानदण्ड हैं। अगर आप उस मानदण्ड पर खरे उतर नहीं पाते हैं, आपका आवेदन नामंजूर किया जा सकता है। नामंजूरी ये सलह दी जाती है कि ऐसे क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें जिसके आय मानदण्ड के लिए आप योग्य हों।

पता/ऑफिस

हो सकता है कि ये सुनने में अजीब लगे लेकिन आपका निवासी पता या आपके ऑफिस के पते के कारण भी आपका क्रेडिट कार्ड आवेदन ठुकराया जा सकता है। बैंकों के पास ऐसे क्षेत्रों की लिस्ट होती है जहाँ वो सेवाएँ प्रदान नहीं करते हैं।

गलत जानकारी

फॉर्म में गलत या अधूरी जानकारी के कारण भी आपका क्रेडिट कार्ड आवेदन नामंजूर किया जा सकता है। बैंक आपको उस गलत जानकारी को सही करने के लिए संपर्क नहीं करेगा बल्कि सीधा आपके आवेदन को अस्वीकार कर देगा। तो, आवेदन फॉर्म भरने के बाद उसे अच्छे से जांच लेना चाहिए और कुछ गलत या अधूरी जानकारी मिलने पर उसे सही कर देना चाहिए।

क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी

क्रेडिट रिपोर्ट में जब भी कोई बदलाव होता है उसमें थोडा समय लगता है। हो सकता है आपने अपना क्रेडिट बिल चुका दिया हो लेकिन वो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में अपडेट ना हुआ हो। तो नये क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से पहले एक बार अपना सिबिल स्कोर और रिपोर्ट देखलें और उसमें कुछ गलत है तो फिर बैंक को संपर्क करें।

ख़राब क्रेडिट हिस्ट्री

क्रेडिट हिस्ट्री क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को दिखाती है कि आप कितने रिस्की ग्राहक हैं। नीचे दी हुई जानकारी बताती है कि कैसे आप एक रिस्की ग्राहक के रूप में नज़र आते हैं।

बहुत सारे लोन: अगर आपके ऊपर बहुत सारे लोन हैं तो क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को लगता है कि आपकी वित्तीय स्तिथि अच्छी नहीं है और इसलिए शायद आप अपने बिलों का भुगतान नहीं कर पाएंगें।

बहुत से क्रेडिट कार्ड आवेदन: लगातार क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करने से आपकी गलत छवि बन सकती है और बैंक को आपके भुगतान करने की क्षमता पर शक हो सकता है।

क्रेडिट लिमिट पार करना: अगर आप क्रेडिट लिमिट से ज़्यादा खर्च करते हैं या क्रेडिट लिमिट का 50% भी खर्चा कर देते हैं, तो आपकी छवि वित्तीय रूप से अस्थिर व्यक्ति की बनती है।

क्रेडिट स्कोर

ये क्रेडिट कार्ड आवेदन अस्वीकार होने का सबसे आम कारण में से एक है। हो सकता है कि आप p कोई क्रेडिट लोन ना हो, लेकिन अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री दिखाती है कि आप अपने एक या एक से ज़्यादा क्रेडिट कार्ड का बहुत ज़्यादा प्रयोग करते हैं या क्रेडिट लिमिट का 50% से ज़्यादा खर्च कर चुके हैं, तो आपको वित्तीय रूप से अस्थिर माना जाएगा। इसका प्रभाव आपके क्रेडिट कार्ड आवेदन पर पड़ सकता है।

आप का प्रयोग कर ऑनलाइन क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। बस हमारी वेबसाइट पर आएं और देखें कि आप क्रेडिट कार्ड के लिए योग्य हैं या नहीं। जब आप पैसेबाजार पर क्रेडिट कार्ड के लिए अपनी योग्यता जांचेगें, तो वहां आपको उन क्रेडिट कार्ड की लिस्ट दिखाई जाएगी जिनके लिए आप योग्य हैं। इसके बाद आप आसानी से क्रेडिट कार्डों की तुलना कर सकते हैं। तुलना के बाद, आप क्रेडिट कार्ड के लिए पैसाबाजार पर ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

पैसाबाजार पर मिलने वाले फायदे

आप अपनी क्रेडिट कार्ड योग्यता की जांच सकते हैं।
आप क्रेडिट कार्ड की तुलना कर सकते हैं।
अपनी क्रेडिट कार्ड योग्यता का इस्तेमाल कर आप पैसाबाजार पर ऑनलाइन आवेदन करें और हम आपको सबसे बहतर क्रेडिट कार्ड ऑफर करेंगें।
इसके बाद आप उन क्रेडिट कार्ड में तुलना कर सकते हैं।
अंत, में आप भारत के सबसे अच्छे क्रेडिट कार्ड में से एक चुन पाएंगें।

लोगों द्वारा क्रेडिट कार्ड लेने का सबसे मुख्य कारण है कि वो अपने खर्चों का भुगतान धीरे-धीरे मासिक किश्तों (ईएमआई) द्वारा कर सकते हैं। तो, क्या होती है ये ईएमआई? ईएमआई का प्रयोग आपके लोन की मूल राशी और उस पर लगने वाला ब्याज दोनों को चुकाने के लिए किया जाता है। तो एक समय अवधि के अंदर आप पूरा लोन चुका देते हैं।

ये जान्ने के लिए कि आपका बैंक आपसे उचित ईएमआई वसूल रहा है या नहीं क्रेडिट कार्ड ईएमआई का हिसाब मैन्युअली या एक्सेल शीट का इस्तेमाल कर के लगाया जा सकता है।

ईएमआई का हिसाब लगाने के लिए आपको नीचे दी हुई जानकारी की आवश्यकता है-

P- मूल

R- ब्याज दर (ये मासिक होनी चाहिए ना कि वार्षिक)

T- लोन की अवधि

एक्सेल शीट में ईएमआई का हिसाब लगाने के लिए आपको PMT (rate,nper,pv) इस फ़ॉर्मूला का प्रयोग करना पड़ेगा। नतीजा नेगेटिव या लाल हाइलाइट में आएगा जो बताएगा कि कितनी ईएमआई जानी चाहिए।

जो फ़ॉर्मूला मैन्युअल गणना के लिए प्रयोग किया जाता है वो है-

EMI = [P x R x (1+R)^N]/[(1+R)^N-1]

यहाँ, P का मतलब होता है लोन की मूल रकम, R का मतलब होता है मासिक ब्याज दर और N का मतलब कि कितनी ईएमआई देनी पड़ेंगी। इस फ़ॉर्मूला का प्रयोग कर आप वैसा ही रिज़ल्ट पा सकते हैं जैसा आपको एक्सेल शीट से मिलेगा।

हालाँकि, ये दोनों ही तरीके लम्बे और जटिल हैं। आसान तरीका ये है कि आप हमारा EMI कैलकुलेटर प्रयोग कर ये पता लगा सकते हैं कि आपको महीने के महीने कितनी ईएमआई देनी पड़ेगी। इसके लिए आपको ऊपर बताई गई चीज़ों का प्रयोग करना पड़ेगा- मूल लोन रकम, मासिक ब्याज दर और लोन की अवधि।


बाजार में कई क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता हैं जो बहुत से लाभ और विशेषताओं के साथ कार्ड दें रहे हैं। इसलिए किसी के लिए भी अपने लिए सबसे बहतर कार्ड चुनना मुश्किल कार्य है। आप पैसाबाजार.कॉम पर आकर बाजार में मौजूद क्रेडिट कार्ड की तुलना कर सकते हैं और अपने लिए सबसे बहतर को चुन सकते हैं।

आप पैसाबाजार.कॉम से क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन क्यों करें उसके कुछ कारण-

क्रेडिट कार्ड की तुलना: आपको खुद से अपने पहले क्रेडिट कार्ड का चयन नहीं करना चाहिय। वित्तीय निर्णयों को पूरी तरह से रिसर्च और तुलना कर के लेना चाहिए। एक ऐसा मंच है जहां आप एक समय में चार कार्ड की तुलना कर सकते हैं। प्रत्येक कार्ड पर आप कितनी बचत कर सकते हैं, आपको कितना वार्षिक शुल्क देना होगा, रिवॉर्ड पॉइंट, सामान्य और लक्जरी लाभ, बीमा इत्यादि के बारे में जानें। यहाँ प्रत्येक कार्ड के विशेष लाभ जैसे खरीदारी, डाइनिंग, फ्यूल या यात्रा बताए गए हैं। यह सब जानकारी आपको अपने लिए सही कार्ड खोजने में मदद करेगी।

आवेदन का आसान तरीका: पैसाबाजार.कॉम पर आप बस कुछ क्लिक कर क्रेडिट कार्ड पा सकते हैं। आपको अलग-अलग बैंकों पर जाकर आवेदन नहीं करना होगा। तुलना करें, ढूंढे और ऑनलाइन आवेदन करें।

ग्राहक सहायता: पैसाबाजार.कॉम पर ग्राहक सहायता के लिए टीम ग्राहक की समस्याएँ सुनने और उनका जल्द से जल्द निवारण करने के लिए हमेशा तैयार रहती है।


प्रश्न. क्या सभी क्रेडिट कार्ड सदस्यता शुल्क और वार्षिक शुल्क लेते हैं?
उत्तर: नहीं, सभी कार्ड सदस्यता शुल्क और वार्षिक शुल्क नहीं लेते हैं। आम तौर पर क्रेडिट कार्ड के लिए वार्षिक शुल्क नहीं देना होता है। लेकिन जो कार्ड वार्षिक शुल्क लेते हैं वो वार्षिक शुल्क ना लेने वाले क्रेडिट कार्ड से लाभ देते हैं।

प्रश्न. क्या मैं अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर एटीएम से नकदी निकाल सकता हूँ?
उत्तर: हाँ, इस सुविधा को कैश एडवांस कहा जाता है। आप अपने क्रेडिट लिमिट की राशी नकदी के रूप में निकाल सकता हैं। लेकिन नकदी के रूप में क्रेडिट कार्ड राशि का इस्तेमाल करने से क्रेडिट कार्ड द्वारा खरीदारी के मुकाबले ज़्यादा ब्याज लगता है।

प्रशन. क्या मेरी क्रेडिट कार्ड लिमिट बाद में बढ़ सकती है?
उत्तर: हाँ, क्रेडिट कार्ड ग्राहक समय के साथ-साथ अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़वा सकते हैं। ये आमतौर पर आपके पिछले भुगतान करने के ट्रैक रिकॉर्ड पर निर्धरित होता है।

प्रशन: सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड क्या होता है?
उत्तर: सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड वो होता है जो किसी संपत्ति जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले जैसे दिया जाता है। ये उनके लिए एक अच्छा विकल्प है जो सामान्य क्रेडिट कार्ड लेने के लिए योग्य नहीं हैं। एसबीआई और एचडी एफसी जैसे प्रमुख बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले क्रेडिट कार्ड देते हैं।

प्रशन: क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले रिवॉर्ड और कैशबैक में क्या अंतर है?
उत्तर: रिवॉर्ड पॉइंट के रूप में मिलते हैं जिन्हें बाद में गिफ्ट वाउचर या क्रेडिट स्टेटमेंट के लिए रिडीम किया जा सकता है। जबकि कैशबेक सीधा आपके क्रेडिट कार्ड अकाउंट में आता है। ज़्यादातर क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड ऑफर करते हैं और सिर्फ कुछ ही कार्ड कैशबेक।

प्रशन. क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने के लिए योग्यता शर्तें कयता हैं?
उत्तर: क्रेडिट कार्ड के लिए योग्यता शर्तें विभिन्न बैंकों पर निर्भर हैं। फिर भी ज़्यादातर बैंकों की मुख्य मांगे क्रेडिट स्कोर/हिस्ट्री, आवेदक की उम्र, आवेदक की आय से संबंधित हैं।

प्रश्न: प्रीमियम क्रेडिट कार्ड क्या होता है?
उत्तर: प्रीमियम क्रेडिट कार्ड कार्ड लाइफस्टाइल, यात्रा, डिनर, मनोरंजन आदि खर्चों पर ज़्यादा लाभ देते हैं और वो वार्षिक शुल्क भी लेते हैं। प्रीमियम क्रेडिट कार्ड की कुछ विशेस्तएं हैं- अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के लाउंज का उपयोग, हवाई दुर्घटना बीमा।

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रान्सफर क्या है?
उत्तर: कुछ क्रेडिट कार्ड बिल को अन्य क्रेडिट कार्ड में ट्रान्सफर करने और फिर उसे ईएमआई में बदलने की सुविधा देते हैं। बैंक भी अपने क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को ये सुविधा देते हैं।

प्रश्न: क्या भारत में को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड उपलब्ध हैं?
उत्तर: हाँ, भारत में बहुत से बैंकों ने को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड देने के लिए ब्रांडों से समझौता किया हुआ है। भारत में कुछ को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड हैं- एयर इंडिया सिग्निचर क्रेडिट कार्ड, जेटप्रिविलेज एचडीएफसी बैंक वर्ल्ड और आईसीआईसीआई बैंक का फेरारी प्लेटिनम क्रेडिट कार्ड।

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले माइलस्टोन बेनिफिट कौनसे हैं?
उत्तर: बैंक क्रेडिट कार्ड ग्राहकों को एक तय अवधि में एक निश्चित रकम खर्च करने पर रिवॉर्ड बोनस या शॉपिंग वाउचर देते हैं। इन्हें ही माइलस्टोन बेनिफिट कहा जाटा है।

प्रश्न: मेरे नए क्रेडिट कार्ड पर मेरी क्रेडिट कार्ड रिपोर्ट की जानकारी नहीं दिख रही है?
उत्तर: आमतौर पर, किसी नए लोन या केडिट कार्ड को तुम्हारे क्रेडिट रिपोर्ट में दिखने के लिए तीन महिना का समय लगता है। अगर उसके बाद भी वो जानकारी नहीं दिख रही है तो आपको अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड ब्यूरो को संपर्क करना चाहिए।

प्रश्न: कार्ड खोने पर लायबिलिटी कवर मिलता है?
उत्तर: ज़्यादातर क्रेडिट कार्ड पर शून्य लायबिलिटी लाभ मिलता है जिसके तहत कार्ड खोने के बाद और उसकी सूचना बैंक को देने के बीच अगर किसी भी तरह की खरीदारी कार्ड से होती है उसके लिए कार्डधारक ज़िम्मेदार नहीं होगा।

पशन: क्या क्रेडिट कार्ड से सीमित नकदी निकाली जा सकती है?
उत्तर: हाँ, क्रेडिट कार्ड से निकाली जा सकने वाली नकदी की सीमा आपको क्रेडिट कार्ड देते समय ही निश्चित कर दी जाती है।

प्रश्न: क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को कैसे पढ़ना चाहिए?
उत्तर: क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में सबसे महत्वपूर्ण चीज़े होती हैं, स्टेटमेंट तिथि, बिल जमा करने की तिथि, कुल बिल रकम, और मिनिमम अमाउंट ड्यू. ये सब आमतौर पर स्टेटमेंट के शुरू में ही लिखा होता है। उसके बाद स्टेटमेंट के दूसरे हिस्से में लेनदेन की जानकारी होती है।

प्रश्न: मिनिमम अमाउंट ड्यू क्या होता है?
उत्तर: अगर आप अपना पूरा क्रेडिट कार्ड बिल नहीं दे सकते हैं तो बैंक आपको मिनिमम अकाउंट (निम्नतम रकम) देने का विकल्प देता है जिसके बाद आपको किसी प्रकार की लेट फी नहीं देनी पड़ेगी। हालाँकि, बाकि के बचे हुए बिल पर ब्याज लगेगा।

प्रश्न: मैं अपना क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान कैसे करूं?
उत्तर: क्रेडिट कार्ड बिल जमा करने के कई तरीके हैं, जैसे नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, बिल डेस्क, नेफ्ट, चेक द्वारा आदि। इसके अलावा, आप अपनी बैंक की निकटतम ब्रांच में जाकर भी बिल जमा कर सकते हैं। लेकिन नकदी भुगतान में ज़्यादा शुल्क लगता है।

प्रशन: क्रेडिट लिमिट का क्या मतलब होता है?
उत्तर: क्रेडिट लिमिट क्रेडिट कार्ड द्वारा खर्च की सीमा होता है जो बैंक द्वारा निर्धारित की जाती है। आप इस से ज़्यादा खर्च कार्ड द्वारा नहीं कर सकते। बैंक ये क्रेडिट लिमिट आपके क्रेडिट स्कोर, आय और आपके अन्य क्रेडिट कार्ड पर मिली क्रेडिट लिमिट के मुताबिक, निर्धारित करता है। आप कुछ साल क्रेडिट कार्ड प्रयोग करने के बाद इस लिमिट को बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं लेकिन इस स्वीकार करना ना करना बैंक पर निर्भर है।

प्रशन: क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड में क्या अंतर है?
उत्तर: इसमें मूल अंतर ये हैं कि डेबिट कार्ड आपके सेविंग या करंट अकाउंट से लिंक होता है जबकि क्रेडिट कार्ड बैंक से लिया हुआ लोन। डेबिट कार्ड द्वारा खर्च करने पर राशि उस से लिंक बैंक अकाउंट से कट जाती है और इसपर कोई ब्याज़ भी नहीं देना पड़ता है। जबकि क्रेडिट कार्ड के प्रयोग पर राशि क्रेडिट लिमिट से कटती है।

प्रशन: क्या क्रेडिट कार्ड में फ्रॉड होने पर सुरक्षा मिलती है?
उत्तर: क्रेडिट कार्ड चिप और पिन द्वारा सुरक्षित होते हैं, इसलिए उनमें फ्रॉड की संभावनाएं कम हो जाती हैं। जब भी आप कार्ड द्वारा भुगतान करते हैं तो आपके रजिस्टर मोबाइल नंबर और एक ओटिपी आता है जिसे आपको भुगतान करने के लिए वहां डालना होता है।

ज़्यादातर क्रेडिट कार्ड में शून्य लॉस्ट कार्ड लायबिलिटी होती है मतलब कार्ड खोने या चोरी पर जैसे ही आप बैंक को खबर देंगें, वैसे ही कार्ड ब्लाक हो जाएगा।

प्रशन: क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो क्या है?
उत्तर: ये आपके क्रेडिट कार्ड प्रयोग और क्रेडिट लिमिट का रेश्यो होता है। उदाहरण, अगर आपके कार्ड की क्रेडिट लिमिट एक लाख रुपए है और आपने उसमें से ₹ 30,000 खर्च कर लिए हैं। तो आपका क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो 30% होगा। आपको हमेशा अपने सभी क्रेडिट कार्ड का रेश्यो 30% रखने की कोशिश करनी चाहिए।

फुटनोट -

भारत में कौन से बैंक का क्रेडिट कार्ड सबसे अच्छा है?
मैं आपके सवाल का सीधा जवाब नहीं दे पाउँगा लेकिन आपको ये जरूर बताऊंगा कि आप सही क्रेडिट कार्ड चयन कैसे करे। ये बहुत ही आसान है। 1. व्यय का पैटर्न जाने - पहली चीज़ जो जानना सबसे अनिवार्य है वह है आपके व्यय करने का पैटर्न। अगर आप इससे अच्छे से परिचित है तो यंहा आपका आधा काम हो गया है। 2. सही क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड रखने के क्या फायदे हैं? किस बैंक का क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए?
अगर आप इसे सही से इस्तेमाल करे तो क्रेडिट कार्ड रखने के बहुत सारे फायदे हैं । 2 प्रमुख फायदे निम्नलिखित है: 1. नकद प्रवाह का प्रबंधन (Cash flow management): यह सबसे महत्वपूर्ण उपयोग है। भारत में क्रेडिट कार्ड कम्पनीज या बैंक 20 दिन (न्यूनतम) से 50 दिन (अधिकतम) के अंतराल के लिए आपको फ्री क्रेडिट अवधी प्र
क्रेडिट कार्ड लेना कितना लाभदायक है?
बिल्कुल ईमानदारी से कहा जाए, तो मैं कहूँगा कि क्रेडिट कार्ड रखना और इस्तेमाल करना केवल उन्हीं लोगों के लिये लाभदायक है, "जिनको दरअसल इसकी ज़रूरत ही नहीं है". क्रेडिट कार्ड वास्तव में, एक हद तक, उस "उधारी" की तरह है, जो आपके मोहल्ले के किरानेवाले दुकानदार या साहूकार, लोगों को कर्ज़ के तौर पर देते हैं.
क्रेडिट कार्ड का समुचित लाभ कैसे उठाएं ?
फाइनेंशियल लिटरेसी की जरूरत देश में आज हर छोटे बड़े को है। युवा हों या फिर रिटायर्ड लोग, किसान हों या फिर आंत्रप्रेन्योर, प्राइवेट नौकरी करते हों या सरकारी, हर किसी के लिए जरूरी है कि वो मेहनत मशक्कत से जो पैसा कमा रहे हैं उसे बचाएं ही नहीं बढ़ाएं भी। क्रेडिट कार्ड हमारे दौर की हकीकत बन चुका है। क्रेडि
मुझे कई बार बैंक द्वारा क्रेडिट कार्ड लेने हेतु संपर्क किया गया, हालांकि मेरा काम बिना क्रेडिट कार्ड के भी चल रहा हैं लेकिन क्या क्रेडिट कार्ड लेने का कोई फ़ायदा हैं ?
क्रेडिट कार्ड के अपने फायदे है। अवर आप अनुशासन से चलें तो आप क्रेडिट कार्ड से बहुत सारे लाभ उठा सकते है, व्व भी बिना किसी खर्च के। ये कैसे, इस पर विस्तृत जानकारी देने के पहले क्रेडिट कार्ड की सामान्य जानकारी जरूरी है। कोई भी बैंक जब आपको क्रेडिट कार्ड देता है तो सबसे पहले वह आपकी क्रेडिट वर्दीनेस चेक
क्रेडिट कार्ड क्या होता है?
क्रेडिट कार्ड जैसा की नाम से ही ज़ाहिर है एक तरह का लोन होता है, मगर यह लोन आपको प्लास्टिक कार्ड के रूप में दिया जाता है जिसका प्रयोग आप अपने शॉपिंग और services के लिए कर सकते है। क्रेडिट कार्ड में आपको एक लिमिट दिया जाता है, जिस लिमिट तक आप अपने कार्ड का प्रयोग कर सकते हैं। आप कोई भी तरह के शॉपिंग
किस बैंक का क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए?
यदि आप एक व्यवसायी पुरुष नहीं हैं या एक प्रतिष्ठित फर्म के साथ काम कर रहे हैं या आपके पास एक स्थिर नौकरी नहीं है; क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने से बचें क्योंकि यह बैंक द्वारा विलंब शुल्क, ओवर ड्राफ्ट शुल्क, ईएमआई रूपांतरण शुल्क, चक्रवृद्धि ब्याज आदि के रूप में पैसा कमाने के लिए स्थापित किया गया एक जाल
भारत में कौन से बैंक का क्रेडिट कार्ड सबसे अच्छा है?
क्रेडिट कार्ड रखने के क्या फायदे हैं? किस बैंक का क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए?
क्रेडिट कार्ड लेना कितना लाभदायक है?
क्रेडिट कार्ड फ्रौड़स क्या है?
क्रेडिट कार्ड का समुचित लाभ कैसे उठाएं ?
कौन से बैंक का क्रेडिट कार्ड सबसे बेहतरीन है?
मुझे कई बार बैंक द्वारा क्रेडिट कार्ड लेने हेतु संपर्क किया गया, हालांकि मेरा काम बिना क्रेडिट कार्ड के भी चल रहा हैं लेकिन क्या क्रेडिट कार्ड लेने का कोई फ़ायदा हैं ?
क्रेडिट कार्ड क्या होता है?
क्रेडिट कार्ड कहाँ बनता है?
किस बैंक का क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए?
     
 
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